वैसे तो कोई भी बीमारी किसी भी मौसम में हो जाती है लेकिन कुछ बीमारियां कुछ खास मौसम में अपना प्रजेंट रूप दिखाती है जिसका होने की संभावना उस खास मौसम में बहुत अधिक होती है जैसे कि सर्दी जुखाम आदि सर्दी के मौसम में होते हैं वह डेंगू मलेरिया आदि बरसात के मौसम में होती है उसी प्रकार गर्मी के मौसम चल रहा है मई-जून की तपती हुई गर्मी है और ऐसे में बहुत सारे लोगों को बहुत विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो रही है तो चलिए जानते हैं गर्मियों में होने वाली बीमारियां और इनसे बचाव।
गर्मियों की बीमारियाँ अपने साथ कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आती हैं, जिनमें सामान्य से लेकर सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते, धूप में जलन आदि जैसी गंभीर समस्याएं जैसे खसरा, पीलिया और बहुत कुछ शामिल हैं। यदि आपको लगता है कि आप स्वस्थ और फिट है फिर भी आपको गर्मी में बहुत सारी सावधानियों को बरतना पड़ेगा क्योंकि गर्मी में होने वाली बीमारी कोई व्यक्ति विशेष को देखकर नहीं होती है यह किसी को भी इस प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं और बाद में बहुत तकलीफ होती है तो बीमार होने से पहले ही उस बीमारी का बचाव कर लेना हमेशा प्रभावी माना गया है।
गर्मियों में होने वाली बीमारीया तो गर्मी की वजह से होती है और कुछ बीमारी हमारी लापरवाही की वजह से हो जाती है। जैसे कि हम कभी धूप में बाहर जाते हैं और तुरंत ठंडा पानी पी लेते हैं बाहर से आते ही घर में तुरंत ठंडी बोतल का पानी पी लेते हैं ऐसे में बहुत सारी पेट से संबंधित बीमारियां हो जाती हैं , फूड पॉइजनिंग हो जाती है , लू लग जाती है। तो चलिए अब हम बात करते हैं गर्मी में होने वाली बीमारी कौन-कौन सी और हमें इस से कैसे बचना है।
पानी की कमी ( डिहाइड्रेशन) –
गर्मियों में होने वाली बीमारियां और इनसे बचाव। गर्मियों के मौसम में पानी की कमी होना सब के लिए आम बात है। गर्मी के मौसम में कल धूप लगने के कारण पसीना बार बार निकलता है जिसकी वजह से हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है आम मौसम के मुकाबले गर्मी में पानी की बहुत ज्यादा मात्रा शरीर ग्रहण करता है हमको गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए क्योंकि हमारी बॉडी गर्मी के मौसम में पसीना और महमूद के माध्यम से पानी। पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो जाता है वैसे तो यह जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन इसकी अधिक समस्या बढ़ने पर आपको और भी ज्यादा परेशानी हो सकती है ऐसा होने पर आपको जल्द ही चिकित्सक का परामर्श ले लेना चाहिए।
गर्मी की वजह से होने वाले त्वचा मे लाल दाने ( घमोरिया) –
गर्मी के मौसम में घमौरी के होने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है आमतौर पर पेट गर्दन पर या सीने में हो जाती हैं इसके होने का मुख्य कारण यह है कि जब हमारे शरीर के पोस्ट बढ़िया भर जाते हैं तो पसीना वहां से नहीं निकल पाता उस जगह पर घमौरियां पैदा होने लग जाती है इससे बचने के लिए हमें ढीले कपड़े पहने चाहिए कॉटन के कपड़े पहनने चाहिए एवं शरीर को साफ सुथरा रखना चाहिए।
टाइफाइड –
गर्मी के मौसम में टाइफाइड बुखार होने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है यह बुक अधिकतर पाचन तंत्र या ब्लड में इन्फेक्शन की वजह से होता है इसका लुक मुख्य लक्षण बुखार है जब यह आपको होता है तो आपको बहुत तेज बुखार की अनुभूति होती है । साथ-साथ शरीर में दर्द होता है सूखी खांसी आती है और कई बार भूख भी नहीं लगती है यह वायरल फीवर है टाइफाइड के लक्षण। टाइफाइड बुखार हमेशा ठंड देकर आता है जब यह आएगा तो आपको सर्दी भी लग सकती है आलस भर जाता है । इससे बचाव के लिए हमें साफ सफाई का विशेष ध्यान देना होगा हमें साफ पानी पीना होगा बल्कि पानी हमें उबालकर पीना चाहिए कभी भी रखा हुआ भोजन नहीं करना चाहिए हमें खाने को गर्म करके ही खाना चाहिए एवं बाहर कुछ भी खाना खाने से बचना चाहिए खासतौर पर गर्मी के मौसम में हमें बाहर कर खाना खाना छोड़ देना चाहिए एवं घर का ताजा खाना खाना चाहिए।
लूट लगना ( हीट स्ट्रोक) –
लू लगना एक ऐसे वक्त है जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक समय तक गर्मी में होता है फिर वह चाहे वहां पर कोई काम कर रहा हूं बैठा हो या कसरत कर रहा हूं अगर आप बहुत अधिक समय तक गर्मी में रहते हैं तब आप को हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती शरीर के बहुत ज्यादा गर्म हो जाने के कारण उत्पन्न होती है। यदि आपके शरीर का तापमान 40 डिग्री है उससे अधिक तापमान पर जाता है तो यह हीटस्ट्रोक आपको पड़ सकता है। लू लगने पर तुरंत उपचार करवाने की आवश्यकता होती है सही समय पर उपचार न होने पर आपके दिल, दिमाग, गुर्दे पर प्रभाव पड़ सकता है। लंबे समय तक इसका इलाज नाम होने पर यह मामला और भी गंभीर हो सकता है और अधिक गंभीर हो जाने पर रोगी की मौके पर मौत भी हो सकती है।
क्या न करें- धूप में बाहर जाने से बचे, नंगे पाँव बाहर न जाए, दोपहर के समय खाना पकाने से बचे, शराब, चाय, कॉफी और कार्बाेनेटेड शीतल पेय से बचे, ये शरीर को निर्जलित करते हैं। अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचे।
सावधानियां- जितना हो सके घर के अंदर रहे, नमक, जीरा, प्याज का सलाद और कच्चे आम जैसे पारंपरिक उपचार हीट स्ट्रोक को रोक सकते हैं। बंद वाहन में बच्चे और पालतू जानवरों को अकेला न छोडे, पंखे और नम कपड़े का प्रयोग करे। ठंडे पानी में स्नान करे। अपने घर या कार्यालय में आने वाले विक्रेताओं तथा सामान पहुंचाने वाले लोगों को पानी पिलाये और पेड़ लगाये, सूखी पत्तियों, कृषि अवशेषों तथा कचरें को न जलायें।
Conclusion-
गर्मियों के मौसम में हमने बात करी है की किस तरीके से हम लोग इस मौसम में होने वाली बीमारियां लूं आदि से बच सकते हैं एवं हमें कौन-कौन सी बीमारियां गर्मियों में हो सकती हैं इसके साथ ही हम आप लोगों को एक संदेश यह भी देना चाहते हैं इस मौसम में आपके घर में कोई भी बाहर से आता है या कोई दफ्तर आता है या जाता है तो आपको उसे पानी के लिए आवश्य पूछना चाहिए।