दोस्तों हमारे शरीर और मशीन में कुछ खास फर्क नहीं होता है। जिस प्रकार मशीन को चलते-चलते साफ सफाई की जरूरत पड़ती है उसी प्रकार हमारे शरीर को भी काम करते-करते साफ सफाई की जरूरत पड़ जाती है। मशीनों की साफ-सफाई तो हम लोग आसानी से कर लेते हैं चाहे वह अंदर की हो चाहे बाहर की । उसी प्रकार शरीर के भी साफ सफाई बाहरी तरीके से करना थोड़ा आसान होता है लेकिन अंदरूनी सफाई करना बहुत मुश्किल होता है। कई बार हमें समझ में नहीं आ पाता है कि अंदरूनी सफाई ना होने की वजह से शरीर के अंदर क्या-क्या टॉक्सिंस पैदा हो रहे हैं और यही तो आगे चलकर शरीर में कई गंभीर बीमारियों की वजह बनते हैं जिस तरह हमें शरीर की सफाई करना जरूरी है उसी प्रकार अंदरूनी सफाई करना भी बहुत ज्यादा जरूरी है आज के इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे शरीर की बाहरी सफाई के साथ अंदरूनी सफाई कैसे करनी है।
शरीर की गंदगी कैसे दूर करें इस संदर्भ में हम कुछ बातों को समझेंगे जो कि इस प्रकार है –
- डिटॉक्सिफाई करना
- डिटॉक्सिफिकेशन कैसे काम करता है
- शरीर को कैसे डिटॉक्सिफाई किया जाता है
- शरीर में मौजूदा टॉक्सिंस को कैसे बाहर निकाले
- डिटॉक्स वाटर कैसे बनाएं और उसका कब सेवन करें
डिटॉक्सिफाई करना –
जिस तरह आप शरीर के ऊपरी सफाई करते हो उसी प्रकार शरीर की अंदरूनी सफाई बहुत जरूरी होती है शरीर की अंदरूनी सफाई को ही डीटॉक्सिफाई कहते हैं बहुत से लोगों को पता नहीं होता है कि शरीर की अंदर की सफाई कैसे होती है वो सोचते होंगे शरीर की गंदगी कैसे दूर करे ? चलिए जानते हैं शरीर को डिटॉक्सिफाई कैसे करना होता है स्वस्थ इंसान को साल में एक बार शरीर को डिटॉक्सिफाई करवाना चाहिए इसके लिए आप अपने चिकित्सक का परामर्श ले सकते हो बच्चों और मरीजों में यह इतना जरूरी नहीं है सभी को डिटॉक्सिफाई कराने की जब आपको यह लक्षण दिखे तो अवश्य जाएं जैसे कि बार बार बीमार पड़ना, एलर्जी होना , मासिक धर्म में परिवर्तन, आलस आना, थकान महसूस होना , खुजली होना।
डिटॉक्सिफिकेशन कैसे काम करता है –
आम भाषा में डिटॉक्सिफिकेशन से हमारा तात्पर्य है रक्त की सफाई अगर रक्त की सफाई नहीं करेंगे तो रक्त के साथ कई आवश्यक पदार्थ हमारे लीवर में चले जाएंगे जो कि हमारे लिवर को आगे चलकर डैमेज कर सकते हैं और हमारे शरीर में होने वाली कई बीमारियों की वजह बन सकते हैं। डिटॉक्सिफिकेशन हमारे शरीर में लीवर के साथ-साथ गुर्दे स्किन और शरीर में अपशिष्ट पदार्थों की सफाई करता है।
शरीर को कैसे डीटॉक्सिफाई किया जाता है
शरीर को डिटॉक्सिफाई करना बहुत ज्यादा मुश्किल प्रणाली नहीं है। नाम से जितना मुश्किल सुनने में लग रहा है यह इतना मुश्किल नहीं होता डिटॉक्सिफाई हम लोग कई घरेलू तरीके से कर सकते हैं जैसे कि –
पानी से – शरीर की गंदगी को बाहर निकालने के लिए सबसे आसान तरीका पानी है पानी को जितना ज्यादा हो सके दिन भर में सेवन करना चाहिए और सबसे जरूरी है सुबह उठने के बाद खाली पेट एक गिलास पानी अगर गुनगुना पी सके तो बहुत ही अच्छी बात है और दिन भर हम लोग थोड़ी थोड़ी मात्रा में पूरे दिन पानी थोड़ा-थोड़ा पीते रहे रात में सोने से पहले भी हमें पानी पीकर सोना चाहिए जिससे सुबह के समय बहुत ज्यादा मदद मिलती है और पेट की सारी गंदगी निकल जाती है पानी का सेवन बहुत ज्यादा जरूरी है पानी सभी को डिटॉक्स करने में सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होता है
नींद – अच्छी नींद हमेशा एक स्वस्थ शरीर की निशानी है रात में 7 से 8 घंटे की नींद हमारी बॉडी को रात भर में डिटॉक्स करने में काफी मदद करती है साथ ही साथ अच्छी नींद हमारे शरीर के वजन को एक पर्याप्त मात्रा में रखने मदद करती है एक अच्छी नींद वाले व्यक्ति हमेशा खुशहाल होता है शारीरिक समस्याओं का एकमात्र निदान अच्छी नींद है स्वस्थ शरीर के लिए शरीर को आराम देना बहुत जरूरी है और आराम देने के लिए अच्छी नींद लेना उससे भी ज्यादा जरूरी।
ज्यादा मीठे का सेवन न करे – वैसे भी शुगर हमारे सभी के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होती है और अगर आप डिटॉक्सिफिकेशन की प्रक्रिया अपने शरीर निकल रहे हैं तो आपको मीठी चीजों से दूर ही बरकरार कर लेनी चाहिए क्योंकि मीठे चीजें शुगर हमारे शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में बाधा डालती है मीठी चीज शुगर हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देती है जो कि शरीर में कई सारी बीमारियां पैदा करती है हमें शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शुगर को बहुत ज्यादा कम करना होगा
ग्रीन टी का सेवन – ग्रीन टी हमारे शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में अमृत का काम करती है। एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कि शरीर के सारे विशिष्ट पदार्थों को निकालने में मदद करती है हम लोग को ग्रीन टी का सेवन जरूर करना चाहिए।
शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को कैसे बाहर निकाले –
पानी पानी एकमात्र ऐसा जरिया है जिसमें आप शरीर की मौजूदा टॉप से उसको बाहर निकाल सकते हैं पानी ज्यादा ज्यादा पीना चाहिए सुबह खाली पेट में गुनगुना पानी पीना चाहिए और दिन भर में कम से कम 5 से 6 लीटर पानी पीना चाहिए । ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के कारण मल और मूत्र द्वारा शरीर का सारा टॉक्सिंस बाहर निकल जाता है एवं हमारा शरीर अंदर से साफ रहता है शरीर को साफ रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है हमारे पेट को साफ रखें अगर हमारा पेट साफ रहेगा तो सारा भोजन अच्छी तरीके से बचेगा और शरीर में हानिकारक रसायन का बनना खत्म हो जाएगा।
घर पर डिटॉक्स वाटर कैसे बनाएं –
दोस्तों घर पर डिटॉक्स वाटर बनाना बहुत आसान है कि टॉप्स वाटर वैसे तो बहुत तरीके से बनाए जाते हैं लेकिन आज मैं आपको बता दूं कि किस तरीके से घर में मौजूदा सामग्री से आसानी से डिटॉक्स वाटर बना सकते हैं डिटॉक्स वाटर बनाने के लिए सबसे पहले आप लोग को एक गिलास पानी चाहिए होगा वह पानी आपको कांच के गिलास में लेना है कोई भी देहात में गिलास में पानी मत लीजिए
अब आपको एक नींबू का चौथाई हिस्सा ले लेना है साथ ही साथ आपको इसमें पुदीना एक टुकड़ा दालचीनी शहद मिला देना है इसे रात भर ऐसे ही रख देना है और जब सुबह उठे तो सुबह खाली पेट इसको पीके अपनी दैनिक दिनचर्या पर निकल जाना है। यदि आप इसमें चाहे तो खीरा ककड़ी स्ट्रॉबेरी या अन्य चीजें डाल सकते हैं।
Conclusion –
आज की पोस्ट में हमने आपको बताने की कोशिश करी है कि शरीर को बाहर के साथ-साथ अंदर से कैसे साफ किया जाता है इसमें आपने समझा होगा शरीर को जितना बाहर साफ करना जरूरी है उतना ही जरूरी है अंदर से भी साफ रखना अंदरूनी गंदगी को दूर करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं बताए है सबसे पहले, स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें जो आपके शरीर को पोषण प्रदान करेगा और अंदरूनी गंदगी को बाहर निकालने में मदद करेगा। दूसरे, प्रतिदिन व्यायाम करें जैसे कि योग, ध्यान या सामान्य शारीरिक गतिविधियाँ। यह आपके शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाएगा और ताजगी और स्वस्थ्यता को बढ़ाएगा। तीसरे, प्रतिदिन पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर की अंदरूनी गंदगी बाहर निकल सके। अंत में, नियमित रूप से शरीर को साफ रखने के लिए स्नान करें और शरीर की स्वच्छता का ध्यान रखें। इन सभी उपायों को अपनाकर, आप अंदरूनी गंदगी को दूर कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली बना सकते हैं।